मेरी रूस यात्रा by Vaishnavi R , 7A


2013 जूलाई महीने के दौरान रूस में गर्मी की छुट्ठियाँ शुरु हो गई थी । बहुत दिनों से रूस के दूसरे बड़े शहर संतपीटर्ससबर्ग घूमने की इच्छा थी। इसबार हमें वहाँ जाने का अवसर मिल ही गया। 5 जूलाई 2013 को सुबह 6 बजे हम मोस्को में स्थित हमारे घर से संतपीटर्ससबर्ग के लिए रवाना हो गए।

मोस्को के सबसे लोकप्रिय परिवहन यहाँ की बुलटट्रेन है।  संतपीटर्ससबर्ग मोस्को से 640 किलोमीटर दूर स्थित शहर है। नेवा नदि के किनारे इस शहर तक पहूँचने के लिए साधारण यातायात में 8 घंटे लगते है , लेकिन बुलेट ट्रेन ने हमें केवल 3 घंटे में ही  संतपीटर्ससबर्ग पहूँचाई। मोस्को से सुबह सात बजे हम बुलेट ट्रेन पर चढे थे । 10 बजे हम संतपीटर्ससबर्ग पहूँच गए।

रूस में त्ज़र राजवंश शासन करते थे। संतपीटर्ससबर्ग में त्ज़र राजाओं के राजमहल है। उनके शासनकाल की यादों को ताज़ा करने वाले अनेक स्मारक अब भी संतपीटर्ससबर्ग में है।  हमने इनके दर्शन किए।

संतपीटर्ससबर्ग रेल्वे स्टेशन दुनिया के सबसे पुराने रेल्वे स्टेशन है। इसका निर्माण त्ज़र राजा निकोलस प्रथम के द्वारा हुआ था। रेल्वे स्टेशन के सामने हमारे गईड गाड़ी के साथ हमारे इंतज़ार कर रहा था। हमने हमारे सामान होटल में रखकर संतपीटर्ससबर्ग की गलियों में घूमने लगे।सर्वप्रथम हमलोग शिशिर महल (विंटर पैलस) का दर्शन किया। यह बहुत पुराना इमारत है। बिल्कुल सफ़ेद रंग से सजाया गया यह महल अब भी शानदार ढंग से साफ और स्वच्छ रखा गया है। महान पीटर द्वारा निर्मित इस विशाल महल में लगभग 1500 कमरे हैं। हर एक कमरे में त्ज़ार रावंश की प्रौढ़ता दिखानेवाली कई चीज़ें अब भी रखी गईं हैं।यह महल नीव नदी के तटपर ही स्थित है।

बाद में हमलोग ग्रीष्म महल(सम्मर पैलस ) का दर्शन किया । रूस में गर्मी बहुत कम लगता है। गर्मी का मज़ा लेने के लिए महान पीटर राजा ने फोंटेका नदी के किनारे यह महल बनवाया। यहां का सुन्दर बगीचा दर्शनीय है। यहाँ जलयात्रा करने और जल तरंग देखने की सुविधा है।

इसके बाद हमलोग स्वर्ण रंग में सजाया गया कैनरिन महल देखने गए। रात को दस बजे तक हम होटल वापस पहूँचगए। जून और जुलाई महीने में संतपीटर्ससबर्ग में रात नहीं होता। रात के बारह बजने पर भी उजाला रहती है। इसे श्वेत रात(व्हाईट नाईट) कहते हैं।  यहाँ इस दौरान स्ट्रीट लाईट की ज़रूरत नहीं है। नेवा नदी में इस दौरान रात ग्यारह बजे से पर्यटकों के लिए नाव यात्रा की सुविधा भी दी गई है। रात के बारह बजे नीव नदी पर बनाए गए सातों पुल एक साथ खुलते है। यह पुल खोल (ब्रिड्ज ओपणिंग ) समारोह बहुत दर्शनीय है। यह सब आद्वादन करके हम रात के तीन बजे को वापस होटल आए।

अगले दिन सुबह 10 बजे से वहाँ के गिरजाघर, पार्क, मेट्रो स्टेशन आदि देखने के बाद शाम को 5-30 तक वापस रेल्वे स्टेशन पहूँचगए। रात बारह बजे तक हम लोग वापस मोस्को पहूँचे। रूस की संस्कृती, इतिहास, सौन्दर्य आदि आस्वादन करने का शानदार मौका मुझे मिला। यह यात्रा ज्ञानदायी भी थी। मोस्को और संतपीटर्ससबर्ग के अनुभव मुझे अनेक भौगोलिक तत्थ्यों के बारे में भी जानकारी दी।

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